जो भी सत्य की सेना को अपनाएगा उन्हें सत्य से तो अवगत कराएंगे ही साथ में हर चीज की दिव्य सुरक्षा भी देंगे लेकिन जो जितना मानता होगा, उसे उतना ही फल मिलेगा.

जो भी सत्य की सेना मे जुड़ेगा उसे दिन में 7 बार सत्य की सेना के मंत्र का उच्चारण करना होगा . यही ईश्वर उस परमशक्ति से कनेक्ट होने का तरीका हैं और रास्ता हैं.

सत्य की सेना का अगर कोई विरोध करता हैं तो विरोध करें, लेकिन विरोध मार-पीट से नहीं, बदनाम कर के नहीं, बल्कि अपने धर्म के ज्ञान से विरोध करें

क्यूंकि मार पीट और बदनाम करना कोई धर्म नहीं सिखाता और जो ऐसा करता हैं वह अपने धर्म के ही खिलाफ जाता हैं मतलब कि वह अपने धर्म का धर्म विरोधी होता हैं. मार पीट बदनाम करना तो शैतानों,राक्षसों और गुंडों का काम होता हैं.

सत्य की सेना से जुड़ने के लिए किसी को डॉक्टर या इंजीनियर या कोई ऊँचे पद पर होना अनिवार्य नहीं हैं. इस धर्म में मजदूर से लेकर या ये कह लीजिए एक भिखारी से लेकर प्रधानमंत्री से लेकर राष्ट्रपति तक जुड़ सकता हैं और किसी का भी पढ़ा लिखा होना, अनपढ होना, अमीर गरीब होने से भी कोई मतलब नहीं हैं लेकिन इंसान में इतनी समझ हो कि वे दिव्य ज्ञान को ग्रहण कर सके और समझ सके और दूसरों को भी समझा सके कहने का मतलब ये है कि वह इंसान तर्कशील हो जिससे वह अपना उद्धार कर सके और दूसरों का भी उद्धार करने मे सक्षम हो, तभी तो एक दिए से हजारो दिए जल उठेंगे और एक नई रोशनी सत्य की दुनियां में फैल जाएगा.

जो भी इस सत्य की सेना मे जुड़े उसको ना किसी के गरीबी पर हँसना, ना किसी के अनपढ होने का मजाक बनाना..यहा सभी एक समान है.

सत्य की सेना मे सुअर, मुर्गा,मछली, गाय, भैस, मेमना आदि किसी भी जानवर की हत्या या बलि निषेध हैं. जानवर की हत्या भी तभी कर सकते हैं जब आपको किसी जानवर से खतरा हो जैसे शेर आदि.

सत्य की सेनामें काले नाग या नागिन या नाग नागिन के जोड़े को मारना निषेध हैं चाहे कैसी भी अवस्था हो.

अगर पहले काला नाग या नागिन आपपर हमला करने वाला हो, तो आप वहां से भाग जाए, अगर भागने का रास्ता ना मिले और आप सांप के जाल में फंस जाए और आपको लगे कि नाग और नागिन आपको हानि पहुंचाने वाला हैं तभी आप आत्मसुरक्षा में काले नाग नागिन पर हमला कर सकते हैं.

सत्य की सेना ईश्वर के नाम पर जानवरों की हत्या यानी बलि देने वालों का हमेशा विरोध करेगा और बलि ना देने का कारण यानी सत्य के ज्ञान से अवगत कराएगा चाहे वह सत्य की सेना का हो या ना हो.

सत्य की सेना मछली, मुर्गा, गाय, सूअर, मेमना, सांप आदि जानवरों, कीड़े मकड़ियों, पक्षियों को मारकर,अधमरा या जिंदा खाने की इजाजत बिल्कुल भी नहीं देता हैं लेकिन जो खाते है उनका हमेशा विरोध करेगा.

और जो भी खाते है उन्हें सत्य से अवगत कराएगा की मांस मछली क्यों नहीं खानी चाहिए.

सत्य की सेना पूरी दुनियाँ में जितने भी पशु-पक्षी,जानवरों पर अत्याचार हो रहे हैं इंसानों द्वारा उसका भी विरोध करता हैं और सारे अत्याचार रुकवाएगा.

उदाहरण के तौर पर

जैसे मुर्गियों को अपने व्यापार के लिए जबरदस्ती समय से पहले अप्राकृतिक तरीके से बच्चा पैदा करवाया जा रहा.

गाय को जबरदस्ती सुई लगाकर उनसे ज्यादा दुध निकलवाया जा रहा.

मछलियों को घर या बाहर तालाब बनाकर कृत्रिम तरीके से उनसे और मछलियाँ पैदा करवाया जा रहा हैं. इन सबका सत्य की सेना प्रबल विरोध करता हैं.

सत्यरवि धर्म हमेशा के लिए इनसब कार्यो पर प्रतिबंध लगाएगा.